आज की इस पोस्ट में हम देखें कुछ evergreen Allama Iqbal Shayari in Hindi with Images। शायरी हिंदी साहित्य का बहुत ही जाना-माना हिस्सा कहलाया जाता है। और सबसे अच्छा साहित्य का रूप है जिससे आप अपनी फीलिंग्स दर्शा सकते हैं। बहुत सालों से शायरी का इस्तेमाल किया जा रहा है अपने दिल के शब्द और बातों को शेयर करने के लिए।
हमने कुछ मशहूर शायरों की शायरी देखी जैसे आप हमारी Mirza Ghalib Shayari पोस्ट पर नज़र डाल सकते हैं। क्योंकि जब भी बात आती है शायरी की हमारे मन में सिर्फ 2 लोगों का नाम आता है। सबसे पहला नाम है मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब और दूसरा नाम है अल्लामा इकबाल साहब।
अल्लामा इकबाल पाकिस्तान के सबसे अच्छे शायरों में से एक हैं। उन्होंने बहुत फेमस शायरी लिखी थी जो अगर हम आज भी देखें तो वो हमारे दिलों को छू ले।
आज हम इस पोस्ट में उन्हीं दिल छूने वाली Allama Iqbal Shayari in Hindi देखेंगे सुंदर एडिटेड इमेज के साथ। लेकिन उससे पहले हमें समझना होगा कि अल्लामा इकबाल थे कौन और उन्होंने किस तरह अपनी ज़िंदगी गुजारी और कैसे इतनी मनमोहक शायरी लिखी।
अल्लामा इकबाल की जीवन दास्ता
अल्लामा इकबाल 9 नवम्बर 1877 में ब्रिटिश भारत के लाहौर शहर में पैदा हुए थे।
हम उन्हें इकबाल नाम से ज्यादा जानते हैं। और उनकी शायरी को हम एक ब्रांड नेम से आजकल ज्यादा पहचानते हैं और वो है इकबाल की शायरी। उन्होंने उनकी प्रसिद्ध शायरी से अपने भाव और अपनी फीलिंग्स को व्यक्त किया और उनके विचारों से सबको प्रेरित किया।
उनकी रचनाएं हम हिंदी, उर्दू, फ़ारसी में पढ़ सकते हैं उनकी शायरी से हम एकता और भाईचारे को सिख सकते हैं। इकबाल को हम “सर सय्यद” की मान्यता है जिसका अर्थ होता है “सबसे ऊँचा शायर”। उन्होंने उर्दू शायरी में अपना मकसद राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने का था। उनके द्वारा लिखी गई “सारे जहां से अच्छा” कविता एक विशेष रूप से मशहूर हुई, जिसने लोगों के बीच राष्ट्रीय भावनाओं को प्रोत्साहित किया और उन्हें एक साथ लाया।
इकबाल ने हिंदी में शायरी दी, उर्दू में दी और साथ ही साथ उन्होंने कई अंग्रेज़ी भाषाओं में भी कविताएं या शायरी लिखी, जिससे वो कई देशों में आज भी जाने जाते हैं। कई लोग जिंदा होते हुए तो काफ़ी मशहूर होते हैं लेकिन मरने के बाद उनकी रचनाएं उनको और ज्यादा प्रसिद्ध बना देती हैं। और अल्लामा इकबाल भी उन्हीं लोगों में से हैं। Allama Iqbal Shayari in Hindi आज के समय में भी लाखों, करोड़ों लोगों के दिलों से जुड़ी हुई है।
उनकी शायरी में एक दर्द है जो लफ़्ज़ों से समझा नहीं जा सकता लेकिन सिर्फ़ दिलों से महसूस किया जा सकता है। उनके शब्दों में एक जादू था जो दिलों को छू जाता है।
इकबाल के विचार काफी चीजों को हमारे मन को प्रेरित करते हैं जैसे उन्होंने आज़ादी पर लिखा था, धर्म पर लिखा था, राष्ट्रीय एकता पर लिखा था। जो हमेशा आपके दिमाग और दिल से कनेक्ट कर पाते हैं। आपको उनकी शायरीयाँ निश्चित रूप से पसंद आएगी, ये हमारा वादा है आपसे। अल्लामा इकबाल का निधन 21 अप्रैल 1938 को लाहौर में हुआ था। लेकिन उनके निधन के बाद आज 80-90 साल बाद भी उनकी रचनाएँ इतनी पसंद की जाती हैं।
और आज भी जब हम उनकी रचनाएँ पढ़ते हैं, हमारे दिलों में उनके लिए इज़्ज़त एक ओर बढ़ सी जाती है। और हमारे दिल को एक सुकून की फ़ीलिंग होती है। वैसे तो उनका जन्म आज के पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन जब हम भारतीय भी इस कविता को पढ़ते हैं, तो हमारे दिलों में इकबाल के लिए एक सम्मान की भावना जाग जाती है।
इतने सालों बाद भी उनकी रचनाएँ काफी सुनी जाती हैं भारत देश में। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि Allama Iqbal, Shayari लेजेंड हैं, और एक तरह से शायरी के जगत में बहुत बड़े कवि हैं आज की तारीख में भी।
Allama Iqbal Shayari in Hindi
हमने बहुत कुछ जाना हमारे मनपसंद शायर iqbal के बारे में और Allama Iqbal Shayari in Hindi के बारे में। तो अगर आपके इस इंफ़र्मेशन को अच्छे से पढ़ा तो आपके मन में एक बात ज़रूर आई होगी। कि अगर इक़बाल इतने अच्छे और प्रसिद्ध शायर थे तो उनकी शायरी को हमें एक बार पढ़ने का मौक़ा तो मिलना ही चाहिए। और ये सही भी है लेकिन बात वहाँ जाकर अटक जाती है कि अल्लामा इक़बाल शायरी इन हिंदी को हम ढूंढे कहाँ।
तो अब आपको इस चीज़ की भी टेंशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि हम आज आपको इसी पोस्ट में Allama Iqbal Shayari in Hindi प्रदान करेंगे जो आपके दिल और आपके मन को छू लेगी।
और आपको जीवन के बहुत सारे सच बता देगी। हमने काफ़ी मेहनत करके Allama Iqbal Shayari आपके लिए ढूंढी है। क्योंकि आज 80-85 साल बाद भी उनकी रचनाएँ खोजना और एडिट करके आपको प्रदान करना बहुत मेहनत का काम होता है। हमने Allama Iqbal Shayari in Hindi के साथ-साथ बहुत सुंदर और अच्छी क्वालिटी की सुंदर इमेजेज़ भी एडिट करी हैं। जिनसे आप डायरेक्ट डाउनलोड करके अपने स्टेटस या स्टोरी पर लगा सकते हैं। या फिर टेक्स्ट को कॉपी-पेस्ट करके अपने पसंदीदा लोगों के साथ शेयर भी कर सकते हो।
चलिए अब बिना कुछ पढ़े, नज़र डालते हैं इन बेहतरीन Allama Iqbal Shayari in Hindi with best Images पर।
दीप ऐसे बुझे फिर जले ही नहीं
ज़ख्म इतने मिले फिर सिले भी नहीं
व्यर्थ किस्मत पे रोने से क्या फायदा
सोच लेना कि हम तुम मिले भी नहीं।
जब से चमन छूटा है ये हाल हो गया है,
दिल ग़म को कह रहा ग़म दिल को कह रहा।
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँ
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं
वक़्त-ए-फ़ुर्सत है कहाँ काम अभी बाक़ी है
नूर-ए-तौहीद का इत्माम अभी बाक़ी है
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के “इम्तिहाँ” और भी हैं
तही ”ज़िंदगी” से नहीं ये फ़ज़ाएँ
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं.!
जफा जो इश्क़ में होती है वह जफा ही नहीं,
सितम न हो तो मोहब्बत में कुछ मजा ही नहीं।
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा !!
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँ
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं
शक्ती भी शान्ती भी भक्तों के गीत में है
धरती के वासियों की मुक्ती पिरीत में है
ज़लाम-ए-बहर में खो कर सँभल जा
तड़प जा पेच खा-खा कर बदल जा
नहीं साहिल तिरी किस्मत में ऐ मौज !
उभर कर जिस तरफ चाहे निकल जा !
हर सुबह मिल के गायें मन्तर वो मीठे- मीठे
सारे पुजारियों को मय प्रीत की पिला दें
अक़वाम में मखलूक-ए-खुदा बटती है इस से
क़ौमिय्यत-ए-इस्लाम की जड़ कटती है इस से
तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
ये जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ
जो किए ही नहीं कभी मैंने,
वो भी वादे निभा रहा हूँ मैं.
मुझसे फिर बात कर रही है वो,
फिर से बातों मे आ रहा हूँ मैं !
आपने देखी, सबसे अच्छी Allama Iqbal Shayari in Hindi और साथ में ही उनकी शायरी की हिंदी में सबसे सुंदर इमेजेज़। इक़बाल ने बहुत बेहतरीन शायरी लिखी थी जो हम आपको प्रदान कर रहे हैं। ये शायरी सबसे अच्छी और सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद करी थी जो हम आपको इस पोस्ट में प्रदान कर रहे हैं, आप हमारी और पोस्ट पर जाकर ऐसी ही शायरी पढ़ सकते हैं।
अल्लामा इक़बाल ने और भी बहुत सारी शायरी लिखी थी जो लोगों को काफ़ी पसंद आती है, चलिए उनपर और नज़र डालते हैं। अल्लामा इक़बाल शायरी इन हिंदी को लोग काफ़ी पसंद करते हैं, भारत, पाकिस्तान और आसपास के और देशों में।
आप इन शायरी को काफ़ी जगह इस्तेमाल कर सकते हैं और उनमें से प्रमुख जगह है अपनी conversations में। आप अपनी बातों में इन्हें बिच-बिचमें इस्तेमाल करके अपनी बातें और दिलचस्प और वजनदार बना सकते हैं। आप इन Allama Iqbal Shayari in Hindi को स्पीच, WhatsApp चैट और दूसरी सोशल मीडिया चीजों पर इस्तेमाल करके अपनी बातों को और दिलचस्प और लोगों को पसंद आने वाली बना सकते हैं। चलिए और अल्लामा इक़बाल शायरी इन हिंदी की तरफ़ अपना रुख मोड़ लेते हैं।
कौम क्या चीज है क़ौमों की इमामत क्या है
इसको क्या समझें ये बेचारे दो रकअत के इमाम
तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती
मगर है इस से यह मुमकिन की तू बदल जाये
तेरी दुआ है की हो तेरी आरज़ू पूरी
मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये
खुद को कर बूलंद इतना की हर तकदीर सें पहलें
अल्लाह बदे से खुद पूछें बता तेंरी रजा* क्या हे
“कहीं पर जग लिए तुम बिन, कहीं पर सो लिए तुम
बिन. भरी महफिल में भी अक्सर, अकेले हो लिए तुम
बिन ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है अपने कभी
तो हंस लिए तुम बिन, कभी तो रो लिए तुम बिन.”
तिरे इश्क़ की ”इंतिहा” चाहता हूँ
मिरी ”सादगी” देख क्या चाहता हूँ
ये जन्नत “मुबारक” रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आप का सामना चाहता हूँ ।
जानते हो तुम भी फिर भी ”अजनान” बनते हो
इस तरह हमें “परेशान” करते हो.
पूछते हो तुम्हे किया पसंद है
जवाब खुद हो फिर भी “सवाल” करते हो..
जलाम-ए-बहर में खो कर सँभल जा
तड़प जा पेच खा खा कर बदल जा
नहीं साहिल तिरी किस्मत में ऐ मौज
उभर कर जिस तरफ चाहे निकल जा.. ।
मत पूछ के हम मोहब्बत कि किस रह से गुज़रे है
ये देख के तुझ पर कोई इलज़ाम ना आने दिया
बात सझ्दों कि नहीं खुलूस दिल कि होती है इकबाल
हर मयखाने में सराबी और हर मस्जिद में कोई नमाजी नहीं होता
अफ़लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर
करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब आख़िर
अहवाल-ए-मुहब्बत में कुछ फ़रक नहीं ऐसा
सोज़-ओ-तब-ओ-ताब अव्वल, सोज़-ओ-तब-ओ-ताब आख़िर
मैं तुझको बताता हूं तकदीर-ए-उमस कया है
शमशीर-ए-सनां अव्वल, ताऊस-ओ-रबाब आख़िर
न तू ज़मीं के लिए है, न आसमाँ के लिए..
जहाँ है तेरे लिए, तू नहीं जहाँ के लिए.!
अनोखी वज़ह है सारे ज़माने से निराले है..
ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या-रब रहने वाले है.!
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
बातिल से दबने वाले ऐ आसमाँ नहीं हम
सौ बार कर चुका है तू इम्तिहाँ हमारा
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी
बड़ा बे-अदब हूँ , सज़ा चाहता हूँ..!
ये कफन, ये क़ब्र, ये जनाज़े रस्म ए
शरीयत है इकबाल मार तो इंसान तब
ही जाता है जब याद करने वाला कोई
ना हो..!
तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ
आह जो दिल से निकली जाये गी
किया समझते हो खली जाये गी
मैख़ाना-ए-यूरोप के दसतूर निराले हैं
लाते हैं सुरूर अव्वल, देते हैं शराब आख़िर
कया दबदबा-ए-नादिर, कया शौकत-ए-तैमूरी
हो जाते हैं सब दफ़तर गरके-मये-नाब आख़िर
था ज़बत बहुत मुशकिल इस मील मुआनी का
कह डाले कलन्दर ने इसरार-ए-किताब आख़िर
देख कैसी क़यामत सी बरपा हुई है आशियानों पर इक़बाल
जो लहू से तामीर हुए थे पानी से बह गए
अमल से ज़िन्दगी बनती है , जन्नत भी जहनुम भी
यह कहा की अपनी फितरत में न नूरी है न नारी है
इक़रार .ऐ.मुहब्बत ऐहदे.ऐ.वफ़ा सब झूठी सच्ची बातें हैं .इक़बाल.
हर शख्स खुदी की मस्ती में बस अपने खातिर जीता है
तुम से गिला किया ना ज़माने से कुछ कहा
बर्बाद हु गये बड़ी साग्दी से हम
हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी,
खुदा करे की जवानी तेरी रहे बे-दाग
अंत में बस इतना ही कहना चाहूँगा कि यह थी कुछ बेहतरीन और लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आने वाली Allama Iqbal Shayari in Hindi।
हमने बहुत मेहनत की है इन शायरी को आप तक पहुँचाने के लिए। Shayariverse सबसे पहले सिर्फ आपके लिए सबसे अच्छा कंटेंट ढूंढता है इंटरनेट पर, उसे उठाता है, उनमें से सबसे अच्छी शायरी को ढूंढता है, एडिट करता है, और उसे सुंदर तरीके से अब तक पहुँचाता है। जिससे आपको आसानी होती है इस कंटेंट को इस्तेमाल करने में। आप इस कंटेंट का इस्तेमाल करते रहिए और हम आपको इससे भी अच्छा कंटेंट लाकर देते रहेंगे।
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शुक्रिया हमारी Allama Iqbal Shayari in Hindi पोस्ट को पढ़ने के लिए। आप हमारी और शायरी, डीपी, कोट्स आदि पोस्ट्स पर नज़र डाल सकते हैं।